COLLEGE AT A GLANCE

सरस्वती शिक्षण समिति की छत्रछाया में सन् 1958 में इस महाविद्यालय की स्थापना हुई । समिति के अध्यक्ष स्व. श्री कुलदीप सहाय, सचिव स्व. श्री शारदा प्रसाद वर्मा, सदस्य स्व. श्री महावीर शर्मा, स्व. श्री लखेश्वर पालीवाल एवं पं. शिव प्रसाद शर्मा थे । सन् 1975 में शासनाधीन हुआ तब महाविद्यालय बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल धाक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की स्मृति में शासकीय टी.सी.एल स्नातकोत्तर महाविद्यालय जांजगीर के नाम से पुनर्नामांकित हुआ । श्री सत्य सहाय श्रीवास्तव महाविद्यालय के प्रथम प्राचार्य थे । प्रारंभ में यह कला की कक्षाओं से युक्त था । सन् 1983 में विधि महाविद्यालय के रूप में अस्तित्व में आया । वर्तमान में कला, वाणिज्य, विज्ञान एवं विधि में स्नातकोत्तर की कक्षाएं संचालित है ।


जांजगीर का नामकरण इतिहास प्रसिद्ध रतनपुर राज्य के हैहयवंशी कलचुरी वंशज जाज्वल्य देव के नाम से रखा गया है | जाज्वल्यदेव (1090-1120) ने अपने नाम से जांजगीर नगर बसाया | जांजगीर भीमा तालाब के पास विष्णु मंदिर प्रसिद्ध है जो ईटों से बना है । राजवंश का गौरव धीरे-धीरे कम होता चला गया । रतनपुर राज्य मराठों के अधीन होकर अंग्रेजों के आधीन हो गया । अन्ततः स्वतंत्र भारत का आविर्भाव हुआ तब शिक्षा के सूर्योदय का काल आया । शिव भगवान रामेश्वर लाल महाविद्यालय बिलासपुर के प्राचार्य स्व. आनंदी लाल पांडेय की प्रेरणा से सन् 1958 में सरस्वती शिक्षण समिति के अंतर्गत अशासकीय महाविद्यालय स्थापित हुआ । उत्तरोत्तर प्रगति के सोपानों को तय करते हुए यह महाविद्यालय बौद्धिक विकास की दिशा में अग्रसर है ।


माननीय शिवप्रसाद शर्मा अधिवक्ता एवं पूर्व विधायक के अनुसार ''सरस्वती शिक्षण समिति द्वारा स्थापित शिक्षा का नन्हा प्रकाश पुंज आज प्रखर ज्योति के रूप में क्षेत्र को आलोकित कर रहा है । मुझे आशा एवं विश्वास है कि भविष्य में भी इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर अध्ययन सुविधाएं उपलब्ध कराने में यह महाविद्यालय में अनेक ख्यातिलब्ध एवं प्रतिष्ठित हस्तियों ने आकर महाविद्यालय के गौरव में चार चांद लगाएं हैं -

1. स्व. डॉ. शंकरदयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

2. स्व. श्री नीलम संजीव रेड्डी (उपराष्ट्रपति)

3. डॉ. नामवर सिंह (हिन्दी के साहित्यकार)

4. स्व. डॉ. हरिवंश राय बच्चन (हिन्दी के प्रसिद्ध कवि)

5. स्व. गोविन्द नारायण सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री म.प्र.)

6. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी (हिन्दी के साहित्यकार)

7. स्व. श्री नंदकुमार पटेल

8. श्री रामाधार कश्यप

9. डॉ. रमन सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री, छ.ग.)

वर्तमान में जांजगीर-चांपा जिले में यह अग्रणी महाविद्यालय है । यह संस्था Shaheed Nandkumar Patel Vishwavidyalaya Raigarh से सम्बद्ध है तथा विश्वविद्यालय का अनुदान आयोग से पंजीकृत है फलतः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली द्वारा योजनांतर्गत समस्त सुविधाएं महाविद्यालय को प्राप्त होती है । विश्वविद्यालय एवं शासन द्वारा निर्देशित समस्त शैक्षणेत्तर गतिविधियां एवं समारोहों का आयोजन किया जाता है । अग्रणी महाविद्यालय जांजगीर के निर्देशन में इस जिले के 16 महाविद्यालय अपना कार्य संपादित करते हैं । यही सही मायने में संस्कृत की इस प्रसिद्ध उक्ति "विद्या विन्दते अमृतम्" को फलीभूत कर रहा है ।